अस्पताल के पीछे अधजली दवाएं पड़ी हुई हैं, ये प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक की काली करतूत है या लापरवाही…

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9 PM News Live/ लखनऊ…

अस्पताल के पीछे अधजली दवाएं पड़ी हुई हैं, ये प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक की काली करतूत है या लापरवाही…

ज़िला बाँदा । उत्तर प्रदेश के बाँदा जनपद के पैलानी जसपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक संदीप पटेल का एक और कारनामा सामने आया है। जहां एक तरफ प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में गरीब जनता को दवाएं नही मिल पा रही है, तो वही दूसरी तरफ स्वास्थ विभाग के कर्मचारी ने गरीबो को मिलने वाली मुफ्त दवाओं को आग लगाकर अधजला ही छोड़ दिया हैं। ये दवाईयां सरकारी अस्पताल के पीछे जलाई गई थी।

इनमे बस एक दो दवाएं ऐसी होती जो एक्सपायरी डेट की न हो…

वहीं अस्पताल के ही एक डाक्टर का कहना है कि जितनी दवाएं जलाई गई है वो एक्सपायरी डेट की थी। इनमे बस एक दो दवाएं ऐसी होती जो एक्सपायरी डेट की न हो, इन दवाओं मे आग लगाने का कारण है प्रभारी अधीक्षक संदीप पटेल की कमीशन खोरी, क्योंकि अस्पताल के बाहर कई मेडिकल स्टोर खोल दिए गए है, जहां से मेडिकल स्टोर मालिकों द्वारा मोटा कमीशन बंधा होता है। ऐसे में अगर सरकार की तरफ से गरीबों को दी जाने वाली दवाएं जलाई नही जाती हैं तो डाक्टर अस्पताल के बाहर खुले मेडिकल स्टोर से दवाएं कैसे लिखते और उनको मोटा कमीशन कैसे मिलता। मगर वहीँ ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर गरीबों को दवा बाहर से लिखी जाती है जिसके चलते अस्पताल मे काफी स्टाक हो जाता है। इसलिए दवाओं को जला दीया जाता है। तो अगर बात की जाए कि जहां एक तरफ सरकार ग़रीब जनता के लिए काम चाहती भी है तो इस तरह भ्रस्ट सरकारी अधिकारी या कर्मचारी अपने निजी फायदे के लिए न सिर्फ ग़रीबों का हक़ मार रहे हैं बल्कि सरकार को बदनाम करने का काम भी कर रहे हैं। अब ये ज़रूर देखना बाकी है कि क्या इस बात को प्रशासन द्वारा संज्ञान में लेकर जांच और कार्यवाही की जाती है या ये गोरख धंंधा ऐसे ही चलता रहेगा।

बाँदा से संवाददाता अनवर रज़ा की रिपोर्ट…

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