आखिरकार कैसे बनेगा भगवान (ईश्वर) का आधार कार्ड , फिंगर प्रिंट कैसे मिलेंगे, आई कांटेक्ट कैसे लिया जाएगा, जबकि आधार में ये दोनों चीज अनिवार्य होती हैं…

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9 PM News Live / लखनऊ… 

इंसान बनाया जहान बनाया, और बनाया जिसने संसार…
योगी के अधिकारी मांग रहे हैं, आज उसी का आधार…

बांदा । उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में अधिकारी ने एक ऐसा फरमान जारी किया है जो जिसमें एसडीएम अतर्रा सौरभ शुक्ला ने कहा है कि मठ मंदिर की जमीनों में हुई फसलों को बेचने के लिए भगवान का आधार कार्ड लाना अनिवार्य होगा मामला बड़ा ही पेचीदा है जो लोग इस मामले को सुन रहे हैं वह भी हैरान हो रहे हैं कि आखिरकार भगवान का आधार कैसे बनेगा फिंगर प्रिंट कैसे मिलेंगे आई कांटेक्ट कैसे लिया जाएगा आधार में ये दोनों चीज अनिवार्य है ऐसे में भला अब भगवान का आधार बने भी तो कैसे बने पूरे मामले में जब एसडीएम अतर्रा सौरभ शुक्ला से बात की तो उन्होंने फोन पर बात करते हुए बताया कि हां यह नियम मैंने लागू किया है और यह नियम लागू रहेगा अपना पक्ष रखने के लिए जब कहा तो बात को घुमाते फिराते आते नजर आए और सोमवार का समय एसडीएम साहब ने मिलने के लिए दिया है लेकिन फोन में जो बात रिकॉर्ड हुई है बात करने के दौरान उसमें SDM साहब साफ तौर पर कह रहे हैं कि इंसान हो चाहे भगवान अगर फ़सल बेचनी है तो आधार जरूरी होगा संरक्षण का नही बल्कि जिसके नाम जमीन होगी ।

रामचंद्र महाराज राम राम जानकी मंदिर के संरक्षक मंडी फसल बेचने तो एसडीएम साहब ने कहा भगवान हो चाहे इंसान फसल बेचनी है तो आधार कार्ड लाना जरूरी है…

आपको बतादें पूरा मामला अतर्रा तहसील के खुरहड गाँव से सामने आया है जिसमें मठ मंदिर मे रहने वाले साधु संतों को मंदिर की देखरेख करने की एवज में अपना जीवन यापन करने के लिए और मंदिर की देख रेख करने के साथ ही मंदिर की रंगाई पुताई साफ-सफाई प्रसाद अन्य तमाम खर्चों को देखते हुए गांव के लोगों ने कुछ जमीने मंदिर में बैठे भगवानों के नाम कर दी है लेकिन संरक्षक मंदिर के पुजारी को बनाया गया है अगर कहा जाए तो नाबालिक बच्चे का किसी जमीन या किसी क्षेत्र में अगर कोई चीज नाम है तो वो व्यक्ति संरक्षक का दायित्व निभाते हुए उस जमीन मकान खेती का जिम्मेदार होता है और कभी भी किसी भी वक्त उसके जमीन के अधिकार का प्रयोग हर जगह कर सकता है ।

बांदा जनपद में लगभग 50 मंदिर है और मठ है जैसे श्री राधा कृष्ण मंदिर हनुमान मंदिर रामसीता मंदिर देवियों के मंदिर देवताओं के मंदिर जो कि ग्रामीण क्षेत्रों में बने हुए हैं मंदिरों मे पूजा पाठ करने वाले साधु संत पुजारी उस जमीन में खेती-बाड़ी करके अपने लिए खाने को अनाज पैदा करते हैं और जो बची हुई फसल होती है उसको मंडी में सही दामों पर बेचकर उसी पैसे से मंदिर का विकास और मंदिर के बीके तमाम कार्यो को करते हैं अतर्रा तहसील के गिरवां थाना क्षेत्र के खुरहड गांव के रहने वाले एक पुजारी है जिला प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े करते हुए आरोप लगाया है कि मंदिर की जमीन में हुई फसल को बेचने जब रामचंद्र महाराज राम राम जानकी मंदिर के संरक्षक मंडी फसल बेचने के लिए पहुंचे तो उनकी फसल लेने से अधिकारियों ने मना कर दिया और बताया कि एसडीएम अतर्रा सौरभ कुमार शुक्ला का आदेश है कि बिना आधार कार्ड के किसी भी व्यक्ति की फसल नहीं खरीदी जाएगी जिसके बाद रामचंद्र महाराज को यह बात हजम नहीं हुई और मंदिर के पुजारी एसडीएम साहब के ऑफिस पहुंच गए और SDM साहब से पूरे मामले में बातचीत की लेकिन एसडीएम साहब फिर वही बात दोहराते हुए कह रहे हैं कि भगवान हो चाहे इंसान अगर फसल बेचनी है तो आधार कार्ड लाना जरूरी होगा ।

राम जानकी मंदिर के पुजारी महंत राम कुमार दास ने कहा है कि अगर भगवान का आधार कार्ड नहीं बना तो मंदिर के खेतों मे हुई फसल को हम लोग नहीं बेच पाएंगे । ऐसे में मठ मंदिर कैसे चल पाएंगे मठ मंदिरों को चलाने के लिए और अपना खुद का पेट भरने के लिए जो फसल पैदा करते हैं उसके बाद भी मंदिर में तमाम खर्चे ऐसे होते हैं जिनको करना मजबूरी होती है लेकिन एसडीएम साहब के जवाब से हम खुद परेशान है कि आखिरकार बांदा जनपद के तमाम मठ मंदिरों में रहने वाले पुजारी जो भगवान की पूजा करते हैं अब वह अपनी फसलें कैसे बेचेंगे क्योंकि भगवान का तो आधार बनना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है लेकिन अधिकारी मांग कर रहे कि भगवान का भी आधार लेकर आओ पूरे मामले में एसडीएम अतर्रा सौरव मिश्रा ने फोन पर बात करते हुए पूरे मामले की जानकारी दी है और बताया है कि फसल किसी की भी हो अगर बेचना है तो आधार कार्ड लगेगा आप 11 वे व्यक्ति है जिसको मैं यह बात बता रहा हूं आज समय नही दो दिन बाद आप चाहे तो ऑफिस आकर बात कर सकते हैं ।

उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले से संवाददाता “अनवर रज़ा” की रिपोर्ट…

 

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