क्या अपराधों को कम पाना या अंकुश लगा पाना कमिश्नरेट पुलिस के लिए सिर्फ एक सपना है या चुनौती भरी हकीतत…

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9 PM News Live / लखनऊ…

क्या अपराधों को कम पाना या अंकुश लगा पाना कमिश्नरेट पुलिस के लिए सिर्फ एक सपना है या चुनौती भरी हकीतत…

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी में लगातार होते अपराधों पर अंकुश लगा पाना या कम कर पाना लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस के लिए काफी चुनौतीपूर्ण और असंभव सा प्रतीत हो रहा है। राजधानी लखनऊ में कमिश्नरेट लागू होने के बाद ये अंदाज़ा लगाया जा रहा था कि लगातार होते अपराधों पर लगाम लगा कर अपराधों को कम करने में सहयता मिलेगी और जनता भय मुक्त होकर शांति पूर्ण वातावरण में जीवन यापन कर पाएगी। मगर अपराध घटने के बजाय अपराधों में वृद्धि होती नजर आ रही है। शातिर अपराधी चाहे चोर हो, लुटेरे हो या हत्यारे, ये अपराधी किसी भी घटना को अंजाम देने में सफलता पाकर अपराधिक घटना को अंजाम देते हैं और बड़ी आसानी से फरार भी हो जाते हैं। यह अलग बात है कि पत्रकारों द्वारा चलाई गई खबर और जनता के दबाव में पुलिस घटना को संजीदगी से लेकर जांच पड़ताल करती है और अपराधियों को पकड़ कर सलाखों के पीछे तो भेज रही है मगर अपराध रोकने में पूरी तरह असफल नजर आ रही है।

कमिश्नरेट पुलिस ने किया डायल 112 में तैनात महिला इंस्पेक्टर शिवा शुक्ला के घर हुई चोरी का खुलासा…

बता दें कि बीते बुद्धवार को सुशांत गोल्फ सिटी के अशोक विहार में रहने वाली और 112 मैं तैनात महिला इंस्पेक्टर शिवा शुक्ला के घर को भी शातिर चोरों ने नहीं बख्शा और पुलिस से बिना डरे पुलिस के ही घर में चोरी जैसी घटना को अंजाम देकर आसानी से फरार हो गए। लेकिन यह बात सच है कि अपराधी घटना को अंजाम तो देते हैं मगर अपने अंजाम से अनजान अपराधी कोई ना कोई गलती कर अपने पीछे अपने द्वारा की गई अपराधिक घटना के सुराग भी खुद ही छोड़ जाते हैं, जैसा कि इंस्पेक्टर शिवा शुक्ला के घर चोरी करने वाले चोर भी अपना मोबाइल वही भूल कर चले गए। क्योंकि मामला पुलिस विभाग के एक कर्मचारी के घर में हुई चोरी का था, इसलिए मामले को संजीदगी से संज्ञान में लेकर कार्रवाई में जुटी थाना सुशांत गोल्फ सिटी की पुलिस ने चोरी की सूचना पाकर मौके पर पहुंच जांच कि और इस दौरान घटनास्थल से पुलिस को मिला चोर का मोबाइल। हालाँकि इसमें पुलिस का कोई बहुत बड़ा रोल नहीं रहा क्योंकि अपराधी ने खुद को पकड़ने के सुराग़ मौके पर खुद ही छोड़े थे और अगर इसके बाद भी पुलिस चोरों को न पकड़ पाती तो पुलिस कि इससे बड़ी बेइज़्ज़ती और क्या हो सकती थी। मामले कि जांच कर रहे प्रभारी निरीक्षक सुशांत गोल्फ सिटी विजेंद्र सिंह ने पुलिस की सर्विलांस टीम से मदद से चोर के मोबाइल की लोकेशन को ट्रेस कर शातिर चोरों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की। बताते चलें कि सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस ने डायल 112 मैं तैनात महिला इंस्पेक्टर शिवा शुक्ला के घर हुई चोरी का खुलासा किया और चोरी किए गए रुपए व जेवरात चोरों के पास से बरामद किए हैं। साथ ही इस चोरी में शामिल चोर की मां और बहन को भी पुलिस ने हिरासत में लेकर वैधानिक कार्यवाही करते हुए जेल की सलाखों के पीछे भेजा है। पुलिस का कहना है कि चोरी की घटना को अंजाम देने वाले चोर की गलती को छुपाने और पुलिस को गुमराह कर चोरी किए गए माल को छुपाने के इल्जाम में चोर की बहन और मां को भी जेल भेजा गया है।
मगर फिर सवाल यही उठता है कि किसी भी अपराधिक घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो जाने वाले अपराधी को बाद में ही पकड़ कर पुलिस गुड वर्क बताते हुए खबर चलवा कर अपनी पीठ थपथपा तो लेती है मगर अपराधों पर लगाम लगा पाने में पूरी तरह असमर्थ और असहाय क्यों नजर आ रही है। अब ये देखना होगा कि लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस द्वारा पुलिस की कार्यशैली में कोई बदलाव कर अपराधों को रोक पाती है या जनता लगभग रोज घटित होने वाली ऐसी अपराधिक घटनाओं की आदत डाल कर इसे अपने जीवन में रोज़मर्रा होने वाली किसी बात की तरह अनदेखा कर जीवन यापन में लग जाती है।

जुनैद खान “पठान” की कलम से…

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