9PM News Live लखनऊ…
लखनऊ । 14 अप्रैल 1891 में सैन्य छावनी मोह के काली पलटन इलाके में बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर का जन्म हुआ था ।
बाबा साहब विदेशी यूनिवर्सिटी में पीएचडी करने वाले पहले भारतीय थे उन्होंने अमेरिका और ब्रिटेन देशों में उचित शिक्षा पाई थी, उन्होंने लेबर पार्टी का भी गठन किया इसके साथ वह संविधान समिति के अध्यक्ष भी रहे, भारत की आजादी के बाद वो देश के पहले कानून मंत्री बने, 1951 में हिंदू कोड बिल के सवाल पर उन्होनें मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
उनको लोग गरीबों का मसीहा भी बोलते थे क्योंकि बाबा साहब ने हिंदू जाति की व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ी और छुआछूत व भेदभेव का विरोध किया और उन्होंने गरीबों व दलितों को उनका हक दिलाकर समाज की मुख्या धारा से जोड़ने का काम भी किया। वो आज भी लोगो के दिलो में जिंदा है, शायद यही करण है कि उन्हें लोग दलितों का मसीहा कहते हैं।
आज से करीब 82 साल पहले यानी 1940 में बाबा साहब ने भारत के हिंदू राष्ट्र बनाने को ले कर अपनी प्रतिक्रिया दी थी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ऐसा धर्म चाहते थे जो स्वतंत्रता, समनता और भाई चारा सिखाइए।
अम्बेडकर जयंती के मौके पर आज प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर की 131 जयंती मनाईं गई, साथ ही कई जगह उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और राजधानी के कई इलाकों में धूमधाम के साथ निकाली गई अम्बेडकर शोभा यात्रा।